Friday, May 20, 2011

Posting some of my hindi poems.



1.माना थी वो भी कुछ खफा
मैं भी ज़िद पे था अड़ा
कैसी थी रंजिश प्यार मे
ना वो झुकी ना मैं झुका
सोचा कभी तो मानेगी
वापस कभी तो आएगी
दिन महीने साल गये
उसकी याद में हम बेहाल गये
प्यार मे ना मैं सही ना तू सही
प्यार वो ही ,जिसमे प्यार सही
सर झुकाने तू छोटा नही,
प्यार के दर्द की कोई, दवा नही


2.
जाना ज़रूरी है मगर, मन अभी मना नही
तलाश थी जिसकी मुझे,
और आस थी जिस वक़्त की
वो प्यास अभी बुझी नही.
आए अब इस मकाम पर,
रुकना नही था अब मगर
चखने दो बस इक पल मुझे,
रुकने दो अब दो वक़्त मुझे
वादा रहा फिर रुकूंगा नही
जाना ज़रूरी है मगर, मन अभी मना नही


3.
गिर पड़े हम, तो संभलते खुदी से
उठ गये, तो फिर गिरे तकदीर से
हार ना मानने की कसम जो खाई
तो रास्ते के बवंडर भी लगे, हवा के झोंके से
पर प्यार मे जब गिरे, तो गिरे हुए कहलाए
अब जीत कर ना आए, तो हारे हुए कहलाए
गर प्यार मे जीतना होता इतना आसान
तो फिर इस प्यार की राह मे, क्या पाता तू ए इंसान


4.
उन होंठों के दीवाने से पूछो दीवानगी क्या चीज़ है
मधुशाला मे बैठे अकेले शराबी से पूछो नशा क्या चीज़ है
सालों से इंतेज़ार करते आशिक़ से ना पूछो वक़्त क्या चीज़ है
ए मेहेरबान मेरे उस बदनसीब से कभी ना पूछो मोहब्बत क्या चीज़ है

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