Thursday, December 5, 2013

हम बिखर गये

तुम सुधर गये , हम बिगड़ गये
ज़िंदगी की कशमकश में,
तुम उभर गये , हम बिखर गये

वक़्त के सितम का बोझ, हमने झेला
हमारे दर्द के साथ, तुमने खेल वो खेला
धंसते गये ज़मीन में हम,सीढ़ी तुम्हारी बनते बनते
लो उपर पहुँच गये तुम,कदम बढ़ाए हंसते हंसते
पलट के देख ज़रा लेना साथी जो बिछड़ गये

तुम सुधर गये , हम बिगड़ गये
ज़िंदगी की कशमकश में
तुम उभर गये , पर ,हम बिखर गये

Friday, June 28, 2013

Another Poem :)

आया है तो, ज़िंदगी पूरा जी ले,
रास्ता अंजाना है , पर सीना तूने ताना है
गर्दिश के समंदर में तूने पाया ख़ज़ाना है
आया है तो, ज़िंदगी पूरा जी ले.

हमसफर का तू भरोसा, कर के देख ले ज़रा सा
मुश्किल डगर में, तेरा साथ जो भी दे दे
आया है तो, ज़िंदगी पूरा जी ले

Wednesday, January 16, 2013

An ode to "Can I Play God" - A MISF!T Production

दर्द भरी खामोशी तेरी, कुछ छुपाए है मेरे दोस्त
सब किया बयान ,तो क्यों मूँह फिराए है तू दोस्त
खुदा के ए नेक बंदे, खुद को क्यों शैतान बताए तू
ईमान की राह पर चलकर, क्यों सर झुकाए तू
कर मदद ए उपर वाले, तेरा बंदा तुझे पुकारे
इंसाफ़ की नाँव ताके, तेरे बंदे दरिया किनारे
इंसाफ़ की नाँव ताके, तेरे बंदे दरिया किनारे