हवा के तेज़ झोंके को झेल ना सका
कैसे कमज़ोर पंख हैं तेरे पंछी
तिंकों का घोंसला टूटा तेरा
कैसा कमज़ोर घोंसला रे तेरा पंछी
क्यों रोए तू अपने हालात से हार कर
ज़रा हंस के तो देख ले अपने हालात पर तू मगर
जीत तेरी मुट्ठी में आकर गिरेगी
हाँ, जीत तेरी मुट्ठी में आकर गिरेगी
ज़रा ज़ोर से पर हिला
हवा रासता बना ही देगी
बहती लहरों में फँसी कश्ती संभाल
किनारे तक खुद लहर ले ही जाएगी.
ज़रा ज़ोर से पर हिला
हवा रासता बना ही देगी
बहती लहरों में फँसी कश्ती संभाल
किनारे तक खुद लहर ले ही जाएगी मेरे पंछी
कैसे कमज़ोर पंख हैं तेरे पंछी
तिंकों का घोंसला टूटा तेरा
कैसा कमज़ोर घोंसला रे तेरा पंछी
क्यों रोए तू अपने हालात से हार कर
ज़रा हंस के तो देख ले अपने हालात पर तू मगर
जीत तेरी मुट्ठी में आकर गिरेगी
हाँ, जीत तेरी मुट्ठी में आकर गिरेगी
ज़रा ज़ोर से पर हिला
हवा रासता बना ही देगी
बहती लहरों में फँसी कश्ती संभाल
किनारे तक खुद लहर ले ही जाएगी.
ज़रा ज़ोर से पर हिला
हवा रासता बना ही देगी
बहती लहरों में फँसी कश्ती संभाल
किनारे तक खुद लहर ले ही जाएगी मेरे पंछी
No comments:
Post a Comment