दर्द भरी खामोशी तेरी, कुछ छुपाए है मेरे दोस्त सब किया बयान ,तो क्यों मूँह फिराए है तू दोस्त खुदा के ए नेक बंदे, खुद को क्यों शैतान बताए तू ईमान की राह पर चलकर, क्यों सर झुकाए तू कर मदद ए उपर वाले, तेरा बंदा तुझे पुकारे इंसाफ़ की नाँव ताके, तेरे बंदे दरिया किनारे इंसाफ़ की नाँव ताके, तेरे बंदे दरिया किनारे |
| | | | | | | | | |
No comments:
Post a Comment